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Saturday 28 June 2014

खुबसूरत सा दिन :-)

वैसे लिखना जरुरी तो नहीं हैं लेकिन विचार ही इतने
खूबसूरत से हैं आज जो कि इन्हें शब्द देना जरुरी हैं :-)
फादर`स डे पर पापाजी साथ में नहीं थे इसलिए आज वो शिकायत भी दूर हो ही गयी
दिनभर पापाजी मेरे साथ थे इसकी शायद वजह अब कुछ दिनों बाद मेरा चले जाना भी हो सकती हैं
हां मैं अब कुछ वक़्त के लिए अपने पापा से दूर रहूँगी
पता नहीं कब तक अनिश्चित काल के लिए :-(
आज हमनें दिनभर जी भरकर बातें की
मुझे गॉड गिफ्ट के रिश्तों में से सबसे अच्छा व प्यारा रिश्ता पिता-पुत्री का लगता हैं
यह रिश्ता मेरे लिए एहसास, सपना व हकीकत सब कुछ हैं
बेशक इस दुनिया में मैं सबसे ज्यादा अपने पापा से प्यार करती हू
माँ से भी करती हू पर वो कभी-कभार मुझे समझ नहीं पाते हैं
खैर आज हमनें विश्वास, यकीं और भरोसे की बातें की तो
विश्वास तोड़ने वालों और विश्वास ना करने वालों को भी कोसा
आज पापाजी ने मेरी सारी दोस्तों को याद किया
सुनीता, सुमन, रिंकू, सोनू(इसका तो वैसे भी कभी-कभार बेवजह भी जिक्र हो ही जाता हैं),
सरोज, प्रीती, भगवती etc लिस्ट बहुत लम्बी हैं भई
शादी के बारे में मेरे विचार भी जानें तो दुनियादारी भी समझायी
ओहो मैना का नाम लेना भूल गयी इससे याद आया
हमनें प्यार के बारे में भी अपने नजरिए से विचार साझा किए
मेरे लिए तो प्यार के मायने ही यह हैं हर रिश्ता इसीसे खूबसूरत होता हैं
हां पापाजी ने याद किया तो मैंने भी रजाक के बारे में अपने विचार बताए
रजाक नाम का जिकर मेरे ब्लॉग पर पहली बार खैर एक
दिन मैं इनके लिए पोस्ट लिख रही थी जब पापाजी इनसे मिलकर आए थे
"जनाब के नाम मेरा खुला पत्र"
पर फिर सिर फिर गया और मैंने उसे अपडेट नहीं किया
खैर रजाक के बारे में आज के मेरे विचार कुछ यू थे -
"पापा रजाक एक अलग इंसान हैं
मैं आज तक जितने लोगों से मिली हू उन सबमें से यह अलग हैं
एक ऐसा इंसान जिसे महज सफलता नाम की चीज़ से प्यार हैं
(हां यह और बात हैं कि कोई पागल सी दीवानी हैं जिससे भी बहुत प्यार हैं
खैर मैं हमेशा से उन्हें समझने व जज करने में गलत ही साबित हुई हू :-)
जिसे रिश्ते, दुनियादारी से कोई मतलब नहीं वो भावनाओं में नहीं बहते हैं
वो स्वाभिमान व आत्म-सम्मान वाले इंसान हैं "
खैर यह पोस्ट गलत राह पकड़ रही हैं सो फिर से पटरी पर लाते हैं वरना एक्सीडेंट……
ओफ्फो हां फिर पापाजी ने कहा देखते हैं तुझमें कितनी हिम्मत हैं
चल हम देखते हैं कौन किसे हराता हैं फिर हमनें वो वाला गेम खेला
अरे वो ही जो फिल्मों में खेला जाता हैं और अक्सर लड़का हार जाता हैं
हाथ को कौन जमीन पर टिका देगा
आज तो बेटी ने भी बहुत हिम्मत दिखाई मैं जीत गयी थी :-)
वैसे अक्सर पेरेंट्स बच्चों के लिए सब-कुछ हार ही जाते हैं
फिर मेरा मन कर गया सो मैंने, माँ ने व पापाजी ने साथ में मुगफली खायी
माँ ने मेरी तरफ देखते हुए कहा वैसे आजकल सरिता की हेल्थ ठीक हो रही हैं
मैं हँसने लगी कि पापा ने भी कह दिया हां अब तुम बिल्कुल ठीक हो
हम्म मैंने कहा वो इसलिए आजकल मैं डांस नहीं करती ना सो
कि माँ मेरे सारे एक्शंस बताने लग गए उफ्फ
पापाजी ने कहा तो अब तुम ट्रेंड हो गयी डांस में ??
मैंने कहा हां कर लेती हू ठीक-थक बस :-)
वैसे मेरे पापाजी की नज़रों में मैं एक समझदार बच्ची हू
जो कि मैं हमेशा बने रहना चाहती हू फिर चाहे यह मेरे लिए महज भ्रम भी क्यों ना हो ??
पेरेंट्स का साथ बस केवल पेरेंट्स का साथ चाहिए मुझे
मेरी फ्रेंड्स में से रिंकू व सरोज मेरे पापाजी को बहुत अच्छे से जानती व पहचानती हैं
तथा जैसे वो कभी-कभार मेरे पापाजी को जज करती हैं
उनके विचारों के आगे मैं नतमस्तक हो जाती हू
lot of thanks both of you....love u yar...:-)
सच बहुत खूबसूरत सा दिन था आज
उसकी कही गयी बात पर आज बहुत गुस्सा आया
कभी किसी ने कहा था कि -
"मुझे कोई हक़ व अधिकार नहीं हैं किसी से प्यार करने का:-)"
बेवकूफ कहीं का कितना बुझदिल व डरपोक हैं वो
जानती हू उसने यह बात क्यों कही थी पर आज मैं यकीन के
साथ कह सकती हू उसने कभी भी अपने पेरेंट्स व प्यार को समझा ही नहीं !!!
खैर हर पोस्ट में किसी भी रूप में उसका जिक्र जरुरी हैं
वरना अब तो बिन उसके व बिन प्यार के भी बिल्कुल पूरी हू मैं
अपने पेरेंट्स के साथ, अपनी जिंदगी के साथ खुश भी हू :-)
बेशक सब-कुछ भुला भी दिया अब तो एक धुंधला सा चेहरा नजर आता हैं
जो आएगा कभी किसी और रूप में मेरे सामने, बिल्कुल सामने !!!!!
बिना उसके जिक्र के भी पोस्ट तो पूरी हो गयी थी पर शायद जरुरी था :-)

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