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Wednesday 7 May 2014

ऐसा क्यों होता हैं....

जिंदगी को कभी भी सवाल-जवाबों में नहीं तराशना चाहिए 
हमेशा ऐसा क्यों होता हैं अच्छे लोगों के साथ ही बुरा क्यों होता हैं ??
जो मासूम लोग होते हैं खुदा उन पर अपनी रहमत बिखेरना क्यूँ भूल जाता हैँ ??
जो किसी का बुरा सोचते तक नहीं हैं उन्हीँ के साथ हमेशा बुरा क्यों होता हैँ ??
क्या किसी को बेवजह चाहना बुरा हैं ??
जिन्हें हम अपनी दुनिया समझते हैं वो ही क्यों हमारी दुनीया को जला डालते हैं ??
मैं उस खुदा से पूछना चाहती हू कि आखिर मेरे साथ ही ऐसा क्यों होता हैं ??
मेरी तो ख्वाहिशें व उम्मीदें इस दुनिया के लोगों जितनी हैँ भी नहीं 
महज मैं खुश रहना चाहती हू ,कभी गलती से भी अपनों को हर्ट नहीं करना चाहती :(
मैं तो आपसे सोना-चांदी ,पैसे ऐसी भी कोई चीज़ नहीं मांगती हूँ 
मैं महज मेरी खुशियां मांगती हूँ ,महज अपनों के दिल में थोड़ी सी जगह मांगती हूँ 
हर अच्छा-बुरा तो मैं स्वीकार कर सकती ह पर आपको पता हैं 
मैं अपनों की नफरत बर्दाश्त नहीं कर सकती 
मैं अपनों के ओर मेरे बिच के फ़ासलें बर्दाश्त नहीं कर सकती 
मैं किसी की इग्नोरेंस नहीं सह सकतीं :(
राम आज तूने अच्छा नहीं किया 
हमेशा मैने तुझे अपना छोटा भाई समझकर व तेरी नासमझी को माफ किया हैं 
पर मैं भी इंसान हूँ जरुर तुझसे कम नॉलेज होगा मुझे 
पर मेरी जिंदगी बेस्ट वे में केवल मैँ ही जी सकती हू 
कभी ऐसा नहीं हुआ कि हम मिले और तुने मुझे रुलाया नहीं 
बचपना छोड़ दे ,अच्छा होगा 
मजबूरन कहना पड़ रहा हैं कि तू………
पापा ने बताया था कि गुस्से में भी कभी किसी को कोई कड़वी बात नहीं कहनी चाहिए :-)
बस इतना कहना चाहती हू कि मुझे जन्म से अफ़सोस रहा कि 
उस खुदा ने मुझे लड़की क्यों बनाया ??
अब प्लीज तु मुझे यह भी सोचने व कहने पर मजबूर मत कर 
कि आखिर मैं एक बहन क्यों हू ??
भाई के फ़र्ज़ नहीं निभा सकता तो कम से कम एक इंसान के फ़र्ज़ तो मत भूल ??
मुझे खुशियाँ तो दे नहीं सकता तो इतना सा रहम कर कि तेरि वजह से मेरि 
आँखों मे आंसू ना आये :(
छोटा हैं तो छोटा बनकर ही रह मुझे समझाने क़ी कोशिश मत कर 
बचपना अपने पास रख हर पल मुझे हर्ट करने से थोङा बाज भी आ जा भई 
बस इतना ही कि नहीं बनती तो मत किया कर मुझसे बात :(
कर दिया ना तूने मेरी खुशियो का कबाड़ा…………………


हुह ज़िन्दगी ऎसी ही हैं खैर यह नोंक-झोंक तो चलती रहेगी 
उफ्फ्फ………इस बार इतनी क्या शादियां हैँ हे भगवान :-)
हम्म अब तो भाई हम भी बिजी हैं कुछ दिन 
नाचना होगा ,गाना-बजाना होगा तो भला हम पीछे थोड़े ही ना रहेंगे ??
देखते हैं हम अब क्या नया लेकर आयेंगे :-)

3 comments:

दिगम्बर नासवा said...

Oopar wala jisko pasand karta hai uska imtihan leta hai ...achee lagi ye guftagoo ...

Yashwant R. B. Mathur said...

नोंक झोंक न हो तो भाई बहन होने का कोई फायदा ?
मेरी अपनी कोई सगी बहन नहीं है लेकिन मुझे अपनी कजिंस को गुस्सा दिलाने मे जो मजा आता है वह और किसी चीज़ में नहीं आता :) :)

Yashwant R. B. Mathur said...

कल 10/05/2014 को आपकी पोस्ट का लिंक होगा http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर
धन्यवाद !