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Tuesday 31 December 2013

कल को बिताये पल आज हुए हैं पुराने....

इस साल के बीतने का मुझे उतना ही गम हैं
जितनी ख़ुशी हैं नए साल के आने की !!
2014 का एक-एक बीतता दिन हमें 2013 से और
ज्यादा दूर लेकर जाता रहेगा और फिर
वो वक़्त भी आएगा जब बाकी बीते सालों
की तरह २०१३ की यादें भी कुछ धुंधली सी हो जायेगी:-)
2013 मेरी जिंदगी का कभी ना भुलाने वाला साल
काफी दिनों से इसकी यादों को ही कैद करने में उलझी हुयी हू
पर जिद्दी पन्ने कुछ नया लिखने ही नहीं दे रहे हैं :(
आज मुझे मेरी डायरी के पहले पृष्ठ पर लिखी हुई लाइन्स सही लग रही हैं कि-
"जिंदगी को कभी भी डायरी में नहीं लिख सकते!!"
अब सोचो भला क्या-क्या लिखू डायरी में
365 दिन ,8760 घंटे या फिर-
कॉलेज कैंप वाले वो दिन,वो बालोतरा वाला सफर,
वो दरगाह की मस्तियाँ
thank you khuda....
ab sari duae kabul ho gayi hain.....:-)
,वो मीरा मंदिर में की गयी शैतानियाँ
वो फेसबुक पर हर पल अपडेट करने की आदत
वो अपनी माँ को परेशान करने वाले पल
वो रामद्वारा में जाकर हर बार भगवानजी से वादा करना कि
आज के बाद कभी भी आपको एक पल के लिये भी नहीं भुलाऊगी ,
प्रॉमिस अब कभी भी गुस्सा नहीं करुँगी etc…।
वो भाई के साथ झगड़ा करना कि आज के बाद तुझसे कभी बात नहीं करुँगी
और उसके जेएनयू में पहुँचते ही मेरा कॉल करके शिकायत करना
कि मुझे बाय क्यों नहीं बोलकर गया ??????
वो पापा का कहना कि मेहनत की पूजा होती हैं
और मेरा उल-फिजूल बातों के बारे में सोचकर नाराज हो जाना और
फिर कहना अच्छा तो आपका मतलब मैं मेहनत नहीं करती हू ????
(सोच रही हू कि क्यों ना अब मैं अपना नाम मेहनत रख लू..... हा.… हा )
वो हर रोज मेरे अपनों का मेरे लिये ख्वाब सजाने वाले पल.....
वो मेरा अपने आपसे सौ वादे करना जिनमें से निन्यानवें तोड़ देना
और एक को मेरे द्वारा ना निभाए जाने का अफ़सोस करना :(
कितना कुछ हैं ना अब बताओ क्या लिखू ????????
वो बेवजह बेचैन हो जाना………
खैर आज मैं २०१३ से कहना चाहती हू कि
शुक्रिया मुझे बेपनाह खुशियां देने के लिये
थोड़ा समझदार बनाने के लिए
गिराकर फिर से सम्भालने के लिए(वैसे भी गिरते वो लोग हैं जो सम्भलना जानते हैं)
सच मैंने इस बार अपनी जिंदगी को,उम्मीदों को,नये सपनों को तुममें जिया हैं :-)
सबसे अच्छी बात कि इस बार जितने भी एग्जाम का रिजल्ट आया
सबने बेपनाह ख़ुशी दी और जो एग्जाम दे रखे हैं
आई विश कि उनका परिणाम भी अच्छा ही आए और यह नया साल भी मुझे तोहफा दे दें
ऑफ्टर all मैं इतनी अच्छी बच्ची जो हू :-)2014 का भी मेरे लिये इतना तो करने का फर्ज़ बनता ही हैं
२०१३ में मैंने केवल अपने बगीचे के फूलों को ही चुनकर इकठ्ठा किया था
इसलिए शायद आज मुझे बिल्कुल भी चुभन नहीं हो रही हैं
शायद इस साल में मुझे अच्छे-बुरे में फर्क पता नहीं चला था या
फिर मैंने मेरी जिंदगी के सारे कोने खुशियों के लिये ही रिज़र्व कर रखे थे
तभी तो कड़वाहटों को कहीं जगह ही नहीं मिली
उम्मीद करती हू आने वाला हर साल भी इस जाने वाले साल की तरह हो
आज अब मैं २०१३ के चंद लम्हों को केवल अपनी नम आँखों से बीतते हुए देख सकती हू
सिवा इसके कुछ कर भी तो नहीं सकती खाश यह वक़्त भी ठहर जाता कुछ और दिन मेरे साथ
इसे हथेलियों में कैद करके भी तो नहीं रख सकती मेरा मोहताज थोड़े ही ना हैं
आज बिल्कुल वैसा ही लग रहा हैं जैसे स्कूल में किन्हीं favourite टीचर का ट्रान्सफर
हो जाता या वो छोड़कर चले जाते तो हम बच्चे भी जिद्द पकड़कर बैठ जाते कि
उनके बिना यह सब्जेक्ट किसी और से पढ़ेंगे ही नहीं :-)
खैर जाना तो हैं ही सो अलविदा २०१३ और
स्वागत हैं २०१४ का,नए सपनों का
नयी उम्मीदों का,दुनिया बदलने के जज्बे का.…।
सबकों नववर्ष की बहुत-बहुत हार्दिक शुभकामनाएँ 
wish u a very happy new year to all....:-)

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