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Tuesday 24 December 2013

बँटवारा......

आज तुम यह सोचकर गलतफहमी मत पाल बैठना कि
आज मैं फिर से वो सारी बातें  कहूँगी कि
चलो ना हम आपस में जमीं और आसमां को बाँट लेते हैं ?????
हां तो -
आसमां तुम्हारा, जमीं मेरी
सारे हिरे-मोती तुम्हारे और नदी के किनारे की सारी सीपियां मेरी
सारा समुंद्र तुम्हारा और तुम्हारी आँखों का पानी मेरा
चाँद-सितारे तुम्हारे दिन को तपता सूरज मेरा
ओके बाबा चलो सारी दुनिया तुम्हारी और तुम सिर्फ मेरे
समझे ना सिर्फ मेरे ??????
किसी के साथ शेयर करने का तो ख्याल भी मत लाना अपने मन :-))
हा.…। हा.…… !!!!!!!!!!!
ओफ़्फ़ो मैं भी ना फिर से  ……………। ??????
एक्चुअली बताना भूल गयी कि बंटवारा इस बार चीजों का नहीं
ब्लॉग्स का हुआ हैं,हमारे प्यार और दर्द का हुआ हैं :(
माफ करना पर अब यहाँ फिर से कभी तुम्हारा जिक्र नहीं होगा :-))
जो कि तुम्हें बेइंतहा दर्द और दूसरों को बेपनाह खुशी देगा :-))
अब तुम्हारी खुशियों का हिसाब कैसे चुकाऊ ???????//
तुम खुश रह सकते हो मुझे पता हैं सो @!!!!!!!
चलो यह सब छोड़ते हैं फिर से एक नयी शुरुआत करते हैं :-))
क्यूँकि पुरानी बातों को नहीं भुलायेंगे तो किसी नएपन की शुरुआत कैसे होगी ???????
और अगर कुछ नया नहीं करेंगे तो यह पुरानी बातों का बोझा कब तक
ढोते रहेंगे ?????????
afterall अभी तो एक पूरी जिंदगी गुजारनी(काटनी) हैं वो भी अकेले
अब यह तो हैं  नहीं कि तुम साथ हो जो कि साल पलों में कट जायेंगे :-))


"सुनो !बदल रहा हैं यह साल और 
बदल रही हू मैं ,मेरा मन और मेरा दीवानापन :-))"

खैर सब-कुछ तुमसे ही तो सीखा हैं
"अब मुझे मिल गए हैं 
जीने के बहाने और आगे बढ़ने के सपने :-))"
तुम्हारे लहेजे में बोलू तो -
don`t let ur dreams just be dreams....:-))
आगे तुम खुद भी बहुत समझदार हो। .... lol 

मेरी जिंदगी और मेरा वक़्त अब तुम्हारे मोहताज नहीं रहे :(
अब तुम भी जरा तलाश लेना शायर बनने के कुछ बहाने :-)
शायद थोड़ा सुकून मिल जाये !!!!!!!!!!!

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