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Friday 13 December 2013

बिटिया-रानी

अहसास की गर्मी से तपाए
ऐसा लगाव हैं बेटी
हृदय में सोया हुआ एक कोमल भाव हैं बेटी
प्रीत की क्यार में बाबुल की फुलवारी में
रंग और खुशबु से भरा गुलाब हैं बेटी !!!!!!!!!
जिंदगी यदि गीत है तो ताल है बेटी
घर की आन-बान और सम्मान है बेटी !!
रिश्तों के जंगल में भटके हुए मानव को
नेह-नाजों से भरी मुस्कान है बेटी !!!!!!!!
मुस्कान और अनुराग की मनुहार होती है बेटी
दुनिया के रिश्तों में खरा व्यवहार होती है बेटी !!
बेटी जहाँ हंसती है :-))
बाबुल के आँगन में जगमग करती है
दीवाली का त्यौहार होती है बहना
प्रभु की वंदना होती हैं :-))
मंदिर का दीपक होती है बिटिया
पिता के माथे पे चंदन होती हैं !!!!!!!!!:-))))
"यह हम नहीं कहते यह तो खुदा कहता हैं कि 
जब मैं बहूत खुश होता हू तब जन्म लेती है बेटियां :-))"

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