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Wednesday 20 November 2013

नारी-मेरी डायरी-3…… :-))

मासूम सा चेहरा लिए ,मन में कुछ उमंग भी है 
कमजोर ना समझो मुझे ,कुछ करने का दम भी है !!!
पतझड़ में भी बहार ला दू ,ऐसी ताकत है मुझमें 
वीराने में भी जहाँ बसा दू ,ऐसी चाहत है मुझमें !!!!
सबके लिए कुछ करते जाना ,नियति है मेरी ,कृति है मेरी 
क्योंकि मैं हू एक भारतीय नारी ,कुदरत की सबसे प्यारी !!!!!!!
"अक्सर हवाओं के तूफान पहाड़ों को 
देखकर अपना रुख बदल देते है 
लेकिन नारी तो वह तूफान है 
जो पहाड़ों को चीर कर आगे निकल जाती हैं !!!!!!!!"

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